
Yatharth Sandesh 20 Jun, 2025, 05:48:AM (Hindi)Dharm
भगवान श्री राम जैसे ही स्वयं को एक आदर्श शासक के रूप में सिद्ध करने का संकल्प लेते है वैसे ही लोगों में हर्ष की लहर दौड़ जाती है, और क्षण भर में लोगों के सारे शोक संताप मिट जाते हैं। निसिचर हीन करहुँ महि
भुज उठाई पन कीन्ह।
सकल मुनिन्ह के आश्रमन जाइ जाइ सुख दीन्हा।।
राम राज्य की परिकल्पना योग मार्ग पर आरूढ़ लोगों को गौरवान्वित करती है भोग मार्ग के लोगों का इसमें कोई स्थान नहीं है।… See
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Yatharth Sandesh 11 Jun, 2025, 13:58:PM (Hindi)Dharm
सोते समय बिस्तर पर बैठकर विचार करो कि मेरी बुद्धि, मेरा धन, मेरा पद जिसका मुझे अभिमान है , क्या मुझे दुख एवं तबाही से बचा सकता है, सोचा हुआ जीवन दे सकता है, यदि नहीं? तो क्या मेरी आत्मा को पशु पक्षी, कीड़े मकोड़े आदि योनियों में जाने से बचा सकता है? सुबह से शाम तक जितने लोगों से मिले , बातें की क्या वे सब मुझे सुख शांति दे सकते हैं? क्या मेरा प्रेम इन सबसे है क्या इतना प्रेम ईश्वर से है या गुरु से… See more

Yatharth Sandesh 24 Mar, 2025, 18:38:PM (Hindi)Bhajan

Yatharth Sandesh 19 Feb, 2023, 11:36:AM (Hindi)Dharm
महाशिवरात्रि पर्व पर स्वामी आशुतोषानन्द के विचार
पलवल, ग्राम घोड़ी स्थित ब्रह्मलीन परमहंस स्वामी श्री बज्रानन्द जी महाराज की तपःस्थली श्री परमहंस आश्रम घोड़ी मैं उनके वरिष्ठ शिष्य स्वामी आशुतोषानन्द जी अध्यक्ष भारतीय संस्कृति सुरक्षा एवं मानव कल्याण समिति ट्रस्ट द्वारा आयोजित विशाल सत्संग एवं भंडारा कार्यक्रम में क्षेत्रीय संत महात्मा आसपास एवं दूरदराज से श्रद्धालु भक्तगण उपस्थित हुए स्वामी… See
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yatharth sandesh 16 Mar, 2021, 10:41:AM (Hindi)Dharm
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Yatharth Sandesh 07 Feb, 2018, 11:02:AM (English)Spiritual stories
This legend from Kerala states that the descendants of twelve different castes were born from the same woman, who was considered to be of a lower caste by the people of the time.
Varuchi was a Brahmin and a scholar. He was one of the gems of the court of King Vikramaditya and highly revered by the king and the people in the kingdom. One day the king asked Varuchi, “Which is the most important… See
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Yatharth Sandesh 04 Jan, 2018, 06:36:AM (Hindi)Bhajan
ऊंॅ जय सद्गुरु देवम्, प्रभु जय सद्गुरु देवम्।
भव भय त्रास विनाशक, सद्गुरु तव चरणम्,
गीता ज्ञान प्रकाषक, हे... शान्ति दूतम्।
शिव, अज, विश्णु नमत नित, सहित सहस बदनम्।
सुर, नर, मुनि के सर्वस, वन्दित तव चरणम्।
हे परमहंस देवम्, ऊंॅ जय सदगुरु देवम्।
योग निष्ठ, जगकर्ता, दुःख हर्ता मेरे, गुरु...
ब्रह्म निष्ठ, जन भर्ता, द्वार खड़ा तेरे,
हे परमहंस देवम्, ऊंॅ जय… See
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