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  • Yatharth Sandesh

    Yatharth Sandesh
    29 Jan, 2019, 01:53:AM (Hindi)
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    दुनिया का मालिक भी हम सबको हर रोज़ मौक़ा देता है

    एक राजा ने यह ऐलान करवा दिया कि कल सुबह जब मेरे महल का मुख्य दरवाज़ा खोला जायेगा तब जिस शख़्स ने भी महल में जिस चीज़ को हाथ लगा दिया वह चीज़ उसकी हो जाएगी।

    इस ऐलान को सुनकर सब लोग आपस में बातचीत करने लगे कि मैं तो सबसे क़िमती चीज़ को हाथ लगाऊंगा।

    कुछ लोग कहने लगे मैं तो सोने को हाथ लगाऊंगा, कुछ लोग चादी को तो कुछ लोग कीमती जेवरात को, कुछ लोग घोड़ों को तो कुछ लोग हाथी को,…
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  • Yatharth Sandesh

    Yatharth Sandesh
    09 Sep, 2017, 10:04:AM (Hindi)
    Story

    हिन्दू एक धर्म है , संस्कृति है , सभ्यता है

    एक बार अकबर बीरबल हमेशा की तरह टहलने जा रहे थे!
    रास्ते में एक तुलसी का पौधा दिखा .. मंत्री बीरबल ने झुक कर प्रणाम किया !
    अकबर ने पूछा कौन हे ये ?
    बीरबल -- मेरी माता हे !
    अकबर ने तुलसी के झाड़ को उखाड़ कर फेक दिया और बोला .. कितनी माता हैं तुम हिन्दू लोगो की ...!
    बीरबल ने उसका जबाब देने की एक तरकीब सूझी! .. आगे एक बिच्छुपत्ती (खुजली वाला ) झाड़ मिला .. बीरबल उसे दंडवत…
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  • Yatharth Sandesh

    Yatharth Sandesh
    05 Sep, 2017, 10:57:AM (Hindi)
    Story

    आखिर यह भी तो नहीं रहेगा।

    _*"आखिर यह भी तो नहीं रहेगा।"*_
    _एक फकीर अरब में हज के लिए पैदल निकला। रात हो जाने पर एक गांव में शाकिर नामक व्यक्ति के दरवाजे पर रूका। शाकिर ने फकीर की खूब सेवा किया। दूसरे दिन शाकिर ने बहुत सारे उपहार दे कर विदा किया। फकीर ने दुआ किया -"खुदा करे तू दिनों दिन बढता ही रहे।"_
    _सुन कर शाकिर हंस पड़ा और कहा -"अरे फकीर! जो है यह भी नहीं रहने वाला है"। यह सुनकर फकीर चला गया ।_
    _दो वर्ष…
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  • Yatharth Sandesh

    Yatharth Sandesh
    02 Sep, 2017, 10:21:AM (Hindi)
    Story

    Story

    दो भाई धन कमाने के लिए परदेस जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने देखा कि एक बूढ़ा दौड़ा चला आ रहा है। उसने पास आते ही कहा, “तुम लोग इस रास्ते आगे मत जाओ, इस मार्ग में मायावी भयानक पिशाच बैठा है। तुम्हें खा जाएगा।” कहते हुए विपरित दिशा में लौट चला। उन भाइयों ने सोचा कि बेचारा बूढ़ा है, किसी चीज को देखकर डर गया होगा। बूढ़े होते ही अंधविश्वासी है। मिथक रचते रहते है। हम जवान हैं, साहसी है। हम क्यों घबराएँ।…
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