vikas sharma
25 Oct, 2017 (Hindi)
Bhajan Sangrah
मुझसे अधम अधीन उबरे न जाएँगे
Sub Category: Bhakti Geet
/
0
Reviews
/ Write a Review
2562 Views
मुझसे अधम अधीन उबरे न जाएँगे,
तो आप दीनबंधु पुकारे न जाएँगे।
जो बिक चुके हैं और ख़रीदा है आपने
अब वह गुलाम ग़ैर के द्वारे न जाएँगे।
पृथ्वी के भार आपने सौ बार उतारे,
क्या मेरे पाप भार उतारे न जाएँगे।
खामोश हूँगा मैं भी गर आप ये कह दो,
अब मुझसे पातकी कभी तारे न जाएँगे।
तब तक न चरण आपके संतोष पाएँगे,
दृग ‘बिन्दु’ में जब तक ये पखारे न जाएँगे।
तो आप दीनबंधु पुकारे न जाएँगे।
जो बिक चुके हैं और ख़रीदा है आपने
अब वह गुलाम ग़ैर के द्वारे न जाएँगे।
पृथ्वी के भार आपने सौ बार उतारे,
क्या मेरे पाप भार उतारे न जाएँगे।
खामोश हूँगा मैं भी गर आप ये कह दो,
अब मुझसे पातकी कभी तारे न जाएँगे।
तब तक न चरण आपके संतोष पाएँगे,
दृग ‘बिन्दु’ में जब तक ये पखारे न जाएँगे।
Other Blogs
-
अंतिम उपदेश - परमहंस स्वामी श्री बज्रानन्द जी महाराज -
श्री परमहंस आश्रम शिवपुरी (आश्रम दृश्य) -
मोदी जी को उनके जन्म दिन पर उनकी माँ द्वारा गीता भेंट -
discourse on Guru Purnima festival by maharaj ji -
CM Mulayam singh at ashram -
Geeta in education -
Lalu Yadav at asrham -
CM Akhilesh Yadav at Ashram -
CM Akhilesh Yadav at Ashram -
Prseident of India receiving Yatharth Geeta