Yatharth Sandesh
12 Aug, 2017 (Hindi)
National
राजस्थान में योग को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की तैयारी
Sub Category: Bhakti Geet
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राजस्थान : राजस्थान में योग को बढाने के लिए सरकार कई तरह की योजनाओं को लागू करने की तैयारी में है। इसमें सबसे पहले छत्तीसगढ की तर्ज पर राजस्थान में भी योग आयोग के गठन पर सरकार ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके अलावा योग को विद्यालयीन पाठयक्रम का हिस्सा बनाने की भी सरकार तैयारी कर रही है। योग गुरु स्वामी रामदेव बाबा से प्रेरित राज्य की भाजपा सरकार अब प्रदेश में योग आयोग बनाने की दिशा में कदम उठा रही है। आयोग के गठन से योग को प्रदेश में सरकार का पूरा संरक्षण प्राप्त हो सकेगा। प्रदेश के चिकित्सा और आयुर्वेद मंत्री कालीचरण सर्राफ ने यहां बताया कि, छत्तीसगढ की तर्ज पर राजस्थान योग आयोग बनाने वाला दूसरा राज्य बन जाएगा। आयोग गठित करने संबंधी प्रस्तावों पर अधिकारियों का समूह काम कर रहा है।
इस समूह ने छत्तीसगढ के योग आयोग के सभी प्रावधानों का अध्ययन कर लिया है। प्रदेश में बनने वाला योग आयोग पूरी तरह से कानूनी दर्जा वाला होगा। सर्राफ का कहना है कि, योग भारत की विश्व को दी गई सबसे बड़ी देन है। योग करने से व्यक्ति मानसिक के साथ ही शारीरिक रूप से स्वस्थ रहता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दौरान ही छत्तीसगढ के योग आयोग की सलाह (तर्ज) पर राजस्थान में भी कार्यवाही का विचार सरकार के ध्यान में आया था। इससे पहले स्वामी रामदेव ने भी इस मामले में यहां सरकार से विचार किया था। इसके बाद ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आयोग बनाने पर सहमति प्रदान की थी। आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों और योग शिक्षकों ने इस दिशा में मेहनत कर आयोग का ढाँचा तैयार कर लिया है। इसमें योग से जुडे लोगों को शामिल किया जाएगा।
सर्राफ का कहना है कि, सरकार योग को प्रोत्साहित करने के लिए संकल्पबद्व है। योग और प्राकृतिक चिकित्सा के लिए सभी जिलों में केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा की आेर लोग बडी तादाद में आकर्षित हो रहे है। योग भारतीय जनजीवन में पूरी तरह से घुला-मिला है। देश में पिछले कुछ वर्षो से लोग योग को अपनी दिनचर्या में भी अपना चुके है। चिकित्सा मंत्री सर्राफ का कहना है कि, प्रदेश के विद्यालयीन पाठयक्रम में भी योग को शामिल करने पर विचार चल रहा है। विद्यालय शिक्षा विभाग ने अपने पाठयक्रम में इसे शामिल करने पर सहमति दी है। योग विशेषज्ञों की समूह पाठयक्रम में योग के पाठ को किस तरह शामिल किया जाए, इस पर गहन अध्ययन कर रही है।
स्त्रोत : जनसत्ता
इस समूह ने छत्तीसगढ के योग आयोग के सभी प्रावधानों का अध्ययन कर लिया है। प्रदेश में बनने वाला योग आयोग पूरी तरह से कानूनी दर्जा वाला होगा। सर्राफ का कहना है कि, योग भारत की विश्व को दी गई सबसे बड़ी देन है। योग करने से व्यक्ति मानसिक के साथ ही शारीरिक रूप से स्वस्थ रहता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दौरान ही छत्तीसगढ के योग आयोग की सलाह (तर्ज) पर राजस्थान में भी कार्यवाही का विचार सरकार के ध्यान में आया था। इससे पहले स्वामी रामदेव ने भी इस मामले में यहां सरकार से विचार किया था। इसके बाद ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आयोग बनाने पर सहमति प्रदान की थी। आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों और योग शिक्षकों ने इस दिशा में मेहनत कर आयोग का ढाँचा तैयार कर लिया है। इसमें योग से जुडे लोगों को शामिल किया जाएगा।
सर्राफ का कहना है कि, सरकार योग को प्रोत्साहित करने के लिए संकल्पबद्व है। योग और प्राकृतिक चिकित्सा के लिए सभी जिलों में केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा की आेर लोग बडी तादाद में आकर्षित हो रहे है। योग भारतीय जनजीवन में पूरी तरह से घुला-मिला है। देश में पिछले कुछ वर्षो से लोग योग को अपनी दिनचर्या में भी अपना चुके है। चिकित्सा मंत्री सर्राफ का कहना है कि, प्रदेश के विद्यालयीन पाठयक्रम में भी योग को शामिल करने पर विचार चल रहा है। विद्यालय शिक्षा विभाग ने अपने पाठयक्रम में इसे शामिल करने पर सहमति दी है। योग विशेषज्ञों की समूह पाठयक्रम में योग के पाठ को किस तरह शामिल किया जाए, इस पर गहन अध्ययन कर रही है।
स्त्रोत : जनसत्ता
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