Yatharth Sandesh
12 Aug, 2017 (Hindi)
National
हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी में अब पढाए जाएगा गोळवलकर गुरुजी और वीर सावरकरजी का इतिहास
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नई देहली : हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी में अब स्वामी विवेकानंद के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दूसरे सरसंघचालक गुरु गोळवलकर के विषय में भी पढाया जाएगा। साथ ही विनायक दामोदर सावरकर, दीनदयाल उपाध्याय को भी राजनीतिक विचारक के तौर पर एमए राजनीतिक विज्ञान के पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है ! स्नातकोत्तर पाठयक्रम में इन बदलावों को बोर्ड ऑफ स्टडीज की मंजूरी मिल गई है।
यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर आर. सी. कुहाड
रवींद्रनाथ टैगोर, दयानंद सरस्वती, राममनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण और आजार्य नरेंद्र देव को भी बोर्ड ऑफ स्टडीज ने पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय के वीसी प्रोफेसर आर. सी. कुहाड के अनुसार, इस बदलाव के साथ ही हम एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान के छात्रों को अब भारतीय परिदृश्य को समझने वाले राजनीतिक चिंतकों के माध्यम से इस विषय का ज्ञान मिल पाएगा।
विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ सोशल साइंसेस के डीन और राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सतीश कुमार ने बताया कि, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में बदलावों को बोर्ड ऑफ स्टडीज की मंजूरी मिल गई है। अब इसे जल्द जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि, स्नातकोत्तर पाठयक्रम के अंतर्गत एक यूनिट के तौर पर हमारे शिक्षक छात्रों को स्वामी विवेकानंद, माधव सदाशिवराव गोळवलकर (गुरु गोळवलकर), विनायक दामोदर सावरकर, दीन दयाल उपाध्याय और रवींद्र नाथ टैगौर जैसे चिंतकों के माध्यम से राजनीति विज्ञान से जुड़े उनके अहम विचारों से अवगत कराएंगे।
उन्होंने कहा कि, यह बदलाव मौजूदा पाठ्यक्रम में कहीं न कहीं भारतीय राजनीतिक चिंतन की कमी को देखते हुए किया गया है।
विभाग की ओर से पाठ्यक्रम में शामिल किए गए इन लोगों का राजनीतिक चिंतन दूसरे वर्ष में तीसरे और अंतिम सेमेस्टर में पढाया जाएगा। इसमें बताया जाएगा कि, इनकी ओर से भारतीय राजनीति के विभिन्न पहलुओं को किस तरह से परिभाषित किया गया और राजनीति विज्ञान के संबंध में उनकी सोच आज के परिदृश्य में किस तरह से उपयोगी है, साथ ही राष्ट्र निर्माण में किस तरह आज भी प्रासांगिक है।
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स
यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर आर. सी. कुहाड
रवींद्रनाथ टैगोर, दयानंद सरस्वती, राममनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण और आजार्य नरेंद्र देव को भी बोर्ड ऑफ स्टडीज ने पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय के वीसी प्रोफेसर आर. सी. कुहाड के अनुसार, इस बदलाव के साथ ही हम एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान के छात्रों को अब भारतीय परिदृश्य को समझने वाले राजनीतिक चिंतकों के माध्यम से इस विषय का ज्ञान मिल पाएगा।
विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ सोशल साइंसेस के डीन और राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सतीश कुमार ने बताया कि, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में बदलावों को बोर्ड ऑफ स्टडीज की मंजूरी मिल गई है। अब इसे जल्द जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि, स्नातकोत्तर पाठयक्रम के अंतर्गत एक यूनिट के तौर पर हमारे शिक्षक छात्रों को स्वामी विवेकानंद, माधव सदाशिवराव गोळवलकर (गुरु गोळवलकर), विनायक दामोदर सावरकर, दीन दयाल उपाध्याय और रवींद्र नाथ टैगौर जैसे चिंतकों के माध्यम से राजनीति विज्ञान से जुड़े उनके अहम विचारों से अवगत कराएंगे।
उन्होंने कहा कि, यह बदलाव मौजूदा पाठ्यक्रम में कहीं न कहीं भारतीय राजनीतिक चिंतन की कमी को देखते हुए किया गया है।
विभाग की ओर से पाठ्यक्रम में शामिल किए गए इन लोगों का राजनीतिक चिंतन दूसरे वर्ष में तीसरे और अंतिम सेमेस्टर में पढाया जाएगा। इसमें बताया जाएगा कि, इनकी ओर से भारतीय राजनीति के विभिन्न पहलुओं को किस तरह से परिभाषित किया गया और राजनीति विज्ञान के संबंध में उनकी सोच आज के परिदृश्य में किस तरह से उपयोगी है, साथ ही राष्ट्र निर्माण में किस तरह आज भी प्रासांगिक है।
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स
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