गुरु वंदना (Guru Vandana) ऊंॅ जय सद्गुरु देवम्, प्रभु जय सद्गुरु देवम्।
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ऊंॅ जय सद्गुरु देवम्, प्रभु जय सद्गुरु देवम्।
भव भय त्रास विनाशक, सद्गुरु तव चरणम्,
गीता ज्ञान प्रकाषक, हे... शान्ति दूतम्।
शिव, अज, विश्णु नमत नित, सहित सहस बदनम्।
सुर, नर, मुनि के सर्वस, वन्दित तव चरणम्।
हे परमहंस देवम्, ऊंॅ जय सदगुरु देवम्।
योग निष्ठ, जगकर्ता, दुःख हर्ता मेरे, गुरु...
ब्रह्म निष्ठ, जन भर्ता, द्वार खड़ा तेरे,
हे परमहंस देवम्, ऊंॅ जय सदगुरु देवम्।
ब्रह्म निरुपण नित्यं, हर युग कथ सत्यम,
जन मन दोश निवारक सद्गुरु तव चरणम्।।
हे परमहंस देवम्, ऊंॅ जय सद्गुरु देवम्।
निर्मल मन तव आसन, जनहित बपुधारी,
चरितं परमानन्दं, भक्तन सुखकारी।।
हे परमहंस देवम्, ऊंॅ जय सद्गुरु देवम्।
सिंह चलनि वहु सोहत, मुख दुति अति प्यारी,
सबको प्रेम लुटावत, योगी, संसारी।।
हे परमहंस देवम्, ऊंॅ जय सद्गुरु देवम्।
भेद विनाशक देवं, चरितं अति ललितम्।
योग रहस्य सिखावत योगी अवधूतम्।।
हे परमहंस देवम्, ऊंॅ जय सद्गुरु देवम्।
भक्तन हृदय विराजत, ओंकार, रुपम्,
योग शास्त्र निधि ज्ञाता, अविगत गोतीतम्।।
हे परमहंस देवम्, ऊंॅ जय सद्गुरु देवम्।
जन, मन की सब जानत, सकल मुनी भूपम्।
सब विधि दास अनाथम् गावत तव चरितं।।
हे परमहंस देवम्, ऊंॅ जय सद्गुरु देवम्।
हे जन मन भ्रम हर्ता, पालन संहर्ता,
हम सब शरण तिहारी, तीन लोक कर्ता।।
कर मम शिर परितोषम्, भुवनं कृपा धीषं,
दासन दास मनावत, परमहंसमीशम्, बज्रानन्दमीषम्।।
हे परमहंस देवम्, ऊंॅ जय सद्गुरु देवम्, भव भय त्रास .........
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